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वो लौट आया है लेखनी प्रतियोगिता -04-May-2024

 शीर्षक:- वो लौट आया है।


          "  देखो माँ मैं कहती थी न कि उनको कुछ  नहीं हुआ  वह एक दिन लौटकर आयेंगे।मेरा विश्वास  आज पूरा खरा उतरा है। देखलो माँ वह विल्कुल सही सलामत लौट आए हैं।" राखी अपने सास ससुर के चरण स्पर्श  करती हुई  बोली।

       "हाँ बहू तेरा विश्वास  ही तो है जिससे मेरा बेटा वापिस आगया है। हमने तो आशा ही छोड़दी थी लेकिन  तेरे अटल विश्वास  के आगे भगवान  भी पिघल गये  और आज कर्मवीर  वापिस आगया।", यह सोचते हुए  यशोदा को  आज से दो वर्ष  पहले का वह मनहूस दिन याद  आगया जब फौज के दो लोगों ने आकर कर्मवीर  का वह बक्सा देकर बताया था कि कर्मवीर की पूरी कम्पनी   ड्यूटी पर जाते समय उनकी गाड़ी एक नहर में गिर गई  थी।  कुछ  जवानों की डेड बाडी मिल गई  थी और कुछ  जीवित  भी बच गए  थे लेकिन  कर्मवीर  का कुछ  भी पता नहीं चला है । सरकार ने बहुत कोशिश  करली है उसकी कमीज तो मिल गई  थी लेकिन  उसकी कोई  खबर नहीं मिली है। सरकार ने कर्मवीर  को शहीद  मान लिया है।

         कर्मवीर  के माता पिता ने सोचलिया कि ईश्वर  को यही मन्जूर  था।लेकिन  कर्मवीर  की पत्नी राखी यह मानने को तैयार  ही नहीं थी कि उसका पति शहीद  होगया है। उसे पूरा भरोसा था कि उसका पति एकदिन  लौटकर  आयेगा। राखी  आजतक  सुहागिन की तरह श्रंगार  करती आई थी।जबकि भारत सरकार  ने कर्मवीर की पत्नी की विधवा पैन्शन  भी भेजना आरम्भ  करदी थी।

       कर्मवीर  अपने माता पिता का इकलौती सन्तान  थी उसके पिता उसको पढ़ाकर एक अफसर  बनाना चाहते थे लेकिन  कर्मवीर  सेना में जाकर  देश की सेवा करना चाहता था। इसलिए  वह बारहवी कक्षा के बाद अपने माता पिता को बिना बताए  सेना में भर्ती  होगया। और जब एक दिन उसकी यूनिट  किसी आवश्यक  कार्य से जारही थी उसकी खबर दुश्मन  तक पहुंच  गई और दुश्मन  ने उनकी गाड़ी नहर के पुल पर पलटवादी। कर्मवीर  बहता हुआ  बहुत दूर पहुंच  गया।

           जब कर्मवीर  को पूछागया कि तेरे कपड़े  किस तरह उतर गये तब उसने बताया कि उस दिन रात का समय था मैने कमीज व पेंट उतारकर नेकर व बनियान  पहन ली थी।

    कर्मवीर  बहता हुआ  सरहद के पास एक गाँव में पहुँच  गया था गाँव  के सरपंच  ने उसको निकाल  कर उसका इलाज  करवाया था । वह  ठीक तो होगया लेकिन उसकी यादाश्त  चली गई।  और वह सरपंच  के परिवार  के सदस्य  की तरह रहने लगा।

      बहुत दिनौ बाद  उस गाँव  में इतनी बर्षात हुई कि बाढ़ आगई  । पानी को देखकर  कर्मवीर  बहुत डर गया और वह जोर-जोर से चिल्लाकर  बोला," मुझे बचाओ मैं डूब जाऊँगा। कर्मवीर  गाँव  के लोगों को देखकर  बोला," आप कौन हैं ? मैं कहाँ पर हूँ? मेरे फौज वाले कपड़े  किसने उतारे?"

     इस तरह की बहकी बातें सुनकर गाँव  वालौ को समझ में आगया कि अब इसकी यादाश्त  वापिस आगई  है। उन्हौने उससे आराम से पूछताछ  की तब उनको मालूम  हुआ  कि वह कौन है? तब वह उनके साथ  अपने गाँव आया और अपने परिवार  से मिलकर  बहुत  खुश हुआ।

    आज राखी सबसे अधिक  खुश थी।  आज उसके मन की मुराद  जो पूरी हुई  थी।

आज की दैनिक  प्रतियोगिता हेतु।
नरेश शर्मा " पचौरी "

      

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2 Comments

Mohammed urooj khan

07-May-2024 02:12 PM

👌🏾👌🏾👌🏾👌🏾

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Babita patel

05-May-2024 07:15 AM

Awesome story

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